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कंपनी अधिनियम की धारा 153 और 154 के अनुसरण में किसी ऐसे व्यक्ति को आबंटित की जाने वाली यह एक विशिष्ट पहचान संख्या है जो किसी कंपनी का निदेशक हो या किसी कंपनी के निदेशक के रूप में नियुक्त होने की इच्छा रखता हो।
किसी कंपनी के निदेशक के रूप में नियुक्त होने की इच्छा रखने वाला प्रत्येक व्यक्ति डिन आबंटन हेतु आवेदन कर सकता है।
केन्द्रीय सरकार (प्रादेशिक निदेशक कार्यालय (उत्तरी क्षेत्र), कारपोरेट कार्य मंत्रालय) डिन का आबंटन करेगा।
डिन हेतु आवेदन करने का इच्छुक कोई व्यक्ति ई-फार्म डीआईआर-3 में आवेदन करेगा और निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाएगा :
1. ई-फार्म डीआईआर-3 ऑन-लाइन ई-फाइलिंग प्रक्रिया के अनुसार दर्ज की जाएगी। अधिक ब्यौरों के लिए ई-फाइलिंग के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न देखें।
2. मार्गनिर्देशों के अनुसार फोटोग्राफ और दावे के समर्थन से संबंधित दस्तावेजों अर्थात पहचान प्रमाण एवं आवास प्रमाण की स्कैन की गई प्रति संलग्न करें। दस्तावेजों की प्रति डिन प्रकोष्ठ में जमा किया जाना अपेक्षित नहीं है।
3. समर्थन दस्तावेजों के साथ फार्म डीआईआर-4 के अनुसार सत्यापन भी संलग्न किया जाएगा। इसमें नाम, पिता का नाम, जन्म तिथि तथा घोषणा एवं आवेदक का वास्तविक हस्ताक्षर शामिल होगा।
4. ई-फार्म पर डिजिटल हस्ताक्षर किया जाना अपेक्षित है और उसे एमसीए21 पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
5. अपलोड होने के पश्चात ई-फार्म डीआईआर-3 के लिए शुल्क का भुगतान किया जाए। शुल्कों के इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की अनुमति होगी (अर्थात नेट बैंकिंग/क्रेडिट कार्ड)। डिन आबंटन की संशोधित प्रक्रिया के अधीन कोई चालान भुगतान स्वीकार नहीं किया जाएगा।
आवेदक के लिए लॉगइन आईडी प्राप्त करने हेतु एमसीए21 पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना अपेक्षित है, जो शुल्कों के भुगतान के लिए आवश्यक है। लॉगइन आईडी प्राप्त करने के पश्चात एमसीए21 पोर्टल पर लॉगइन करें और ई-फार्म डीआईआर-3 अपलोड करने के लिए ‘ई-फार्म’ टैब के अधीन उपलब्ध ‘ई-फार्म अपलोड’ लिंक पर क्लिक करें। डिन आवेदन शुल्क के भुगतान के बाद ही ई-फार्म डीआईआर-3 पर कार्रवाई की जाएगी।
6. अपलोड होने और सफल भुगतान के पश्चात फार्म डीआईआर-3 पर आवेदक और किसी पेशारत व्यावसायिक या वर्तमान कंपनी के किसी पूर्णकालिक सचिव (जो आईसीएसआई का सदस्य हो) या निदेशक द्वारा हस्ताक्षर किया जाना अनिवार्य है।
अनुमोदित डिन उस मामले में सृजित होगा जब फार्म पर किसी पेशारत व्यावसायिक ने हस्ताक्षर किए हों और उसके ब्यौरों की पहचान संभावित डुप्लिकेट के रूप में नहीं की गई हो। अनंतिम डिन उस मामले में सृजित होगा जब फार्म पर किसी वर्तमान कंपनी के पूर्णकालिक सचिव या निदेशक द्वारा हस्ताक्षर किया गया हो और उसके ब्यौरे संभावित डुप्लिकेट पाए गए हों। प्रयोक्ता को एक उपयुक्त सूचनात्मक संदेश और ई-मेल भेजा जाएगा जिसमें यह सूचित किया जाएगा कि डिन प्रकोष्ठ द्वारा विहित सत्यापन के पश्चात डिन अनुमोदित होगा।
7. ई-फार्म डीआईआर-3 की प्रक्रिया
जिस मामले में डीआईआर-3 व्यावसायिक (अर्थात सीए(पूर्णकालिक पेशारत)/सीएस (पूर्णकालिक पेशारत)/सीडब्ल्यूए (पूर्णकालिक पेशारत)) द्वारा प्रमाणित हो वहां प्रणाली द्वारा तत्काल ऑनलाइन डिन अनुमोदित किया जाएगा (यदि यह संभावित डुप्लिकेट न हो)।
8. फार्म डीआईआर-3 के ब्यौरों में अनुमोदनोपरांत परिवर्तन
यदि ई-फार्म डीआईआर-3 में प्रस्तुत किए गए ब्यौरों में कोई परिवर्तन है तो आवेदक ई-फार्म डीआईआर-6 ऑनलाइन जमा कर सकता है। उदाहरण के लिए, किसी निदेशक के पते में परिवर्तन की स्थिति में अपेक्षित अभिप्रमाणित दस्तावेजों के साथ ई-फार्म डीआईआर-6 जमा करके इस परिवर्तन की सूचना देना अपेक्षित है।
ई-फार्म डीआईआर-6 पर किसी आवेदक और किसी पूर्णकालिक पेशारत चार्टर्ड अकाउंटेंट या कंपनी सचिव या लागत लेखाकार द्वारा डिजिटल हस्ताक्षर किया जाना अपेक्षित है।
कृपया नोट करें कि भारतीय आवेदकों के मामले में आयकर पैन अनिवार्य है इसलिए आवेदक ब्यौरे (नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि) पैन ब्यौरों के अनुसार होने चाहिए। फार्म डीआईअर-3 में भरे गए विवरण डिनआवेदन के साथ प्रस्तुत किए जाने वाले समर्थन दस्तावेजों में दिए गए ब्यौरों के अनुरूप होने चाहिए। इनमें किसी प्रकार का अंतर होने पर डिन आवेदन अस्वीकार कर दिया जाएगा।
हां, 500/-रू. डिन आवेदन शुल्क देय है।
फार्म डीआईआर-3 के लिए किए गए भुगतान की स्थिति के बारे में www.mca.gov.in के होम पेज पर ‘भुगतान स्थिति ट्रैक करें’ लिंक से जानकारी ली जा सकती है।
• आवेदक का उच्च रेजोल्युशन फोटोग्राफ
• पैन अब अनिवार्य है। अत: पैन की प्रति पहचान, नाम, पिता का नाम और जन्मितिथि के लिए अनिवार्य है। विदेशी नागरिकों के मामले में पिता के नाम का प्रमाण अपेक्षित नहीं है।
• विदेशी नागरिकों के मामले में पहचान प्रमाण के रूप में पासपोर्ट की प्रति अनिवार्य है।
• वर्तमान आवास का प्रमाण जो 2 महीने से अधिक पुराना न हो।
• वेबसाइट पर दिए गए प्रारूप के अनुसार फार्म डीआईआर-4 में सत्यापन
डिन आवेदन के साथ उसके समर्थन में दस्तावेज संलग्न करने से पहले निम्नलिखित बातें सुनिश्चित करें –
•जमा किए जा रहे एलआईसी द्वारा जारी दस्तावेज जन्मतिथि और आवास प्रमाण के रूप में संलग्न किए जाएं।
•आवास प्रमाण के रूप में प्रस्तुत बैंक विवरण, टेलीफोन, बिजली आदि जैसे उपयोगिता बिल आवेदक के नाम से ही होने चाहिए और 2 महीने से अधिक पुराने न हों।
•डीआईआर-3 के साथ संलग्न सभी समर्थन दस्तावेज किसी प्राधिकृत व्यक्ति/प्राधिकारी द्वारा विहित रूप से अभिप्रमाणित हों।
•यदि निदेशक साक्षर नहीं है तो उसके अंगूठे का निशान संबंधित राजस्व अधिकारी (जहां आवेदक रहता है) द्वारा प्रमाणित होना चाहिए और फिर सभी दस्तावेज नोटरी द्वारा प्रमाणित या अभिप्रमाणित होने चाहिए या यदि आवेदक चिकित्सकीय कारणों से हस्ताक्षर करने की स्थिति में नहीं है और आवेदन पर अंगूठे का निशान देता है तो सरकारी अस्पताल से विहित रूप से प्रमाणित चिकित्सकीय प्रमाण पत्र आवेदन के साथ अवश्य लगाया जाए जिसमें उसकी बीमारी का कारण भी बताया जाए।
फार्म डीआईआर-3 में किसी वैध पासपोर्ट के ब्यौरे भरे जाएं और उसकी एक प्रमाणित प्रति डिन आवेदन के साथ संलग्न की जाए। फोटोग्राफ सहित सभी समर्थन दस्तावेज आवेदक के अपने देश में भारतीय दूतावास या किसी नोटरी द्वारा या भारत में पंजीकृत कंपनी, जिसमें आवेदक निदेशक है, के प्रबंधनिदेशक/सीईओ/कंपनी सचिव द्वारा प्रमाणित हो। यदि किसी विदेशी निदेशक के पास एक वैध एकाधिक प्रवेश भारतीय वीजा या भारतीय मूल का व्यक्ति कार्ड या भारत का विदेशी नागरिक कार्ड है तो अभिप्रमाणन भारत में नोटरी पब्लिक/राजपत्रित अधिकारी या पेशारत सीए/सीएस/सीडब्ल्यूए द्वारा भी किया जा सकता है।
आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेज की जांच के बाद ही अनंतिम डिन का अनुमोदन किया जाता है। आवेदकों द्वारा किए जाने वाले कुछ सामान्य गलतियां और डिन आवेदन अस्वीकार होने के कारण निम्नलिखित हैं –
समर्थन में अपेक्षित दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करना
• आवेदक का पहचान प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया हो।
• आवेदक की जन्मतिथि का प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया हो।
• आवेदक के आवासीय पता का प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया हो।
• पासपोर्ट की प्रति (विदेशी नागरिकों के लिए) प्रस्तुत नहीं की गई हो।
अमान्य आवेदन/समर्थन दस्तावेज
• जब समर्थन दस्तावेज वर्तमान में अमान्य हो और उनकी समयसीमा समाप्त हो गई हो।
• प्रस्तुत पहचान प्रामण पत्र किसी सरकारी एजेंसी द्वारा जारी नहीं किया गया हो।
• आवेदन/संलग्न साक्ष्य में हस्तलिखित प्रविष्टियां हैं।
• प्रस्तुत आवेदन डुप्लिकेट डिन आवेदन है और उस आवेदक का एक आवेदन जब पहले ही लंबित या अनुमोदित है।
• प्रस्तुत आवेदन में फोटोग्राफ नहीं लगाया गया हो।
• निर्धारित स्थान पर हस्ताक्षर नहीं किए गए हों।
• आवेदन में भरा गया आवेदक का नाम संलग्न साक्ष्य में उल्लिखित नाम से मेल नहीं खाता हो।
• आवेदन में भरा गया आवेदक के पिता का नाम संलग्न साक्ष्य में उल्लिखित पिता के नाम से मेल नहीं खाता हो।
• आवेदन में भरी गई आवेदक की जन्मतिथि (दिन/माह/वर्ष) संलग्न साक्ष्य में दी गई जन्मतिथि से मेल नहीं खाती हो।
• आवेदन में भरे गए पता के ब्यौरे संलग्न साक्ष्य में दिए गए ब्यौरे से मेल नहीं खाते हों।
• फार्म डीआईआर-3 में लिंग संबंधी सूचना सहीं नहीं दी गई हो।
• आवेदन में भरी गई पहचान संख्या संलग्न पहचान प्रमाण से मेल नहीं खाती हो।
• यदि संलग्न दस्तावेज स्व-अभिप्रमाणित नहीं हों।
हां, आपकों नए डिन के लिए आवेदन करना होगा।
नही। यदि डिन आवेदन निम्नलिखित कारणों से पुन: प्रस्तुतिकरण के अधीन रखा जाता है तो आप पुन: प्रस्तुतिकरण चिन्हित किए जाने की तारीख से 15 दिनों के भीतर अपने डिन आवेदन में सुधार के लिए अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत कर सकते हैं।
• पहचान/आवास प्रमाण संलग्न नहीं है या उसकी समयसीमा समाप्त हो गई है।
• जन्म तिथि प्रमाण संलग्न नहीं किया गया है।
• समर्थन दस्तावेज उपयुक्त रीति से अभिप्रमाणित नहीं हैं।
• शपथ पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है (यदि अपेक्षित हो तो)।
अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने और पुन: प्रस्तुतिकरण में यथा-चिन्हित अनुसार सही पाए जाने पर वही डिन अनुमोदित कर दिया जाता है।
निदेशक को ऐसे परिवर्तनों के लिए ई-फार्म डीआईआर-6 डाउनलोड करके भरना और ई-फार्म डीआईआर-3 के लिए यथा उल्लिखित अनुसार उसे अपलोड करने के लिए समान प्रक्रिया अपनानी होगी। परिवर्तन अनुरोध के लिए आवेदन के साथ संलग्न प्रमाण के सत्यापन के बाद अनुरोध किया गया परिवर्तन प्रणाली में लिया जाता है। आवेदक के नाम में परिवर्तन की स्थिति में, फार्म डीआईआर-6 के साथ गजट अधिसूचना अनिवार्य है। जिन विवाहित स्त्रियों के पास अपने विवाह से पूर्व नाम वाला पहचान प्रमाण है वे आवेदन के साथ विवाह प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर सकती हैं। कंपनी अधिनियम, 2013 के फार्म डीआईआर-7 के अनुसार सत्यापन भी फार्म डीआईआर-6 के साथ संलग्न करना अब अनिवार्य है।
Section 159 of the Companies Act, 2013 provides for penalty for default relating to non-compliance of section 152or 155or 156 or of the Act. Such individual or the director of the company shall be punishable with imprisonment for a term which may extend to 6 months or with a fine which may extend to Rs 50000/- and where the contravention is a continuing one, with further fine which may extend to Rs 500/- for every day after the first during which the contravention continues.
नहीं, अनंतिम डिन संख्या वाले व्यक्ति के ब्यौरे ई-प्ररूपों में नहीं भरे जा सकते हैं और वह व्यक्ति निदेशक के रूप में हस्ताक्षर नहीं कर सकता है।
फार्म डीआईआर-3 और डीआईआर-6 में आवेदक के नाम और पिता के नाम में केवल नाम भरने की अनुमति उसी स्थिति में है जब आयकर पैन में केवल नाम हो। इसका सत्यापन पैन डाटाबेस से किया जाएगा।
हां, फार्म डीआईआर-3 पर आवेदक द्वारा हस्ताक्षर और किसी पूर्णकालिक पेशारत चार्टर्ड अकाउंटेंट या कंपनी सचिव या लागत लेखाकार या वर्तमान कंपनी के पूर्णकालिक सचिव (जो आईसीएसआई का सदस्य हो) या निदेशक द्वारा डिजिटल हस्ताक्षर भी किया जाना होता है।
यदि डिन फार्म में विनिर्दिष्ट विवरण पहले से दायर किसी डिन आवेदन फार्म से मिलते हैं तो आवेदन को संभावित डुप्लिकेट के रूप में चिन्हित किया जाएगा और फिर डिन प्रकोष्ट द्वारा उस पर कार्यवाहीं की जाएगी।
भारतीय नागरिकों के लिए आयकर पैन अनिवार्य है। यदि आयकर पैन ब्यौरे भरे जाते हैं तो ‘आयकर पैन सत्यापित करें’ बटन पर क्लिक करना अनिवार्य होगा। आवेदक का नाम (पहला, बीच का और अंतिम नाम) आवेदक के पिता का नाम (पहला, बीच का और अंतिम नाम) और जन्मतिथि आयकर ब्यौरों के अनुसार होनी चाहिए। विदेशी नागरिकों के मामले में, पासपोर्ट संख्या अनिवार्य अपेक्षा है।
भारतीय नागरिकों के मामले यदि फार्म में भरे गए ब्यौरे आयकर डाटाबेस के अनुसार नहीं हैं तो डिन आवेदन दायर करने की अनुमति नहीं होगी।
भारतीय नागरिकों के मामले में, आयकर पैन में कोई परिवर्तन नहीं होने के बावजूद, सभी स्थितियों में आयकर पैन भरना अनिवार्य है। ऐसी स्थिति में ‘आयकर पैन सत्यापित करें’ बटन पर क्लिक करना अनिवार्य होगा। निदेशक का नाम (पहला, बीच का और अंतिम नाम) पिता का नाम (पहला, बीच का और अंतिम नाम) और जन्मतिथि आयकर ब्यौरों के अनुसार होनी चाहिए।
इसके अतिरिक्त, सभी वर्तमान डिन धारक जिन्होंने पहले डिन प्राप्त करते समय अपना पैन नहीं दिया है, के लिए फार्म डीआईआर-6 दायर करते हुए अपना पैन देना अनिवार्य है।